ढाबा ((Restaurant) खोलने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगा नुक़सान।

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ढाबा क्या होता है? (What is Dhaba)

सड़क किनारे स्थित खाने की दुकान को ढाबा या रेस्तरां कहते हैं। लेकिन आपके मन में प्रश्न उठ सकता है सभी खाने की दुकान तो सड़क किनारे ही होती है। ऐसे में यह समझना बेहद ज़रूरी है वैसी दुकान जो मुख्य रूप से नेशनल हाइवे या स्टेट हाइवे या किसी पेट्रोल पंप के बग़ल में होती है। ऐसे जगह मुख्य रूप से स्थानीय व्यंजन मिलता है। जैसे राजस्थान में सेव टमाटर और रोटी, बिहार में रोटी दाल, भुजिया और भात। यह भेज और नॉन भेज दोनों प्रकार का होता है। जहां भेज मिलता है वहाँ आपको नॉन भेज नहीं मिलेगा लेकिन जहां नॉन भेज मिलता है वहाँ आपको भेज मिल जाएगा। 

दिल्ली अमृतसर हाइवे पर हवेली एक बहुत ख़ास ढाबा है। जो पंजाब की संस्कृति को प्रस्तुत करती है।

ढाबा (Restorent) खोलने से पहले विचार करने योग्य महत्वपूर्ण बातें-

भारत में लाइन होटल या मोटेल या ढाबा बहुत प्रसिद्ध है। जब भी हम किसी सफ़र में निकलते हैं तो रास्ते में किसी ढाबे पर ज़रूर खाना खाते हैं। पहले जहां यह मुसाफ़िर की मजबूरी होती थी वही अब यह फ़ैशन बन गया है कि चलो ढाबा पर खाना खायेंगे। रोज़ दिन ढाबा स्टाइल दाल, तड़का, चिकन, मटन का सैकड़ों वीडियो या व्लॉग सोशल मीडिया पर अपलोड होता है। जिसके कारण ढाबा सेक्टर का क्रेज़ मार्केट में बढ़ गया है। 
ऐसे में कई लोग उत्साहित होकर ढाबा स्टाइल चिकन और मटन पकाने के बजाय इसको बेचने के लिए ढाबा ही खोल देते है। फिर कुछ महीने के बाद उस ढाबा को बंद कर देते है। उसका प्रमुख कारण कुछ इस प्रकार है-
कुक का वेतन 25000 से 40000 तक हो जाता है। चार हेल्पर स्टाफ चाहिए। जिसको लगभग 10000 रुपया देना होता है। यदि ऐसे चार लोग हैं तो चालीस हज़ार रुपया इधर खर्च हो गया। इसके बाद दुकान का किराया लगभग 25000 से 40000 रुपया तक। देखा जाये तो लगभग 120000 रुपया खर्च हो गया। इसके बाद यदि कुछ बचेगा को तो आपको मुनाफ़ा हुआ अन्यथा घर से नुक़सान उठाना पड़ता है। फिर कुछ महीने बाद दुकान बंद हो जाती है। फिर लोग इस धंधे को गंदा बता कर तिलांजलि अर्पित करके वापस घर लौट जाते है। इस जगह से एक और अतिथि को घर लेकर आते हैं वो है कर्ज। जो कभी घर से जाने के लिए तैयार नहीं होता है।

ढाबा (Restorent) खोलने के लिए ढाबा (Restorent) मालिक को क्या करना चाहिए-


ऐसे में प्रश्न है कि क्या ढाबा का धंधा गंदा है। इसे नहीं करना चाहिए। धंधे से इश्क़ होना चाहिए तब वह किसी भी सूरत में आप से बेवफ़ाई नहीं करेगी।चलो ये तो हुआ ढाबा स्टाइल धंधे की स्थिति। अब आगे का पूरा आलेख पढ़कर धंधे की सभी परिस्थिति को मज़बूत करते हैं।

ढाबा चलाने का तरीक़ा आना चाहिए-

सबसे पहले ढाबा के धंधे का आर्थिक स्थिति सुधारते हैं- यदि आपने कई सारे कुक और स्टाफ़ रख लिये हैं तो सबसे पहले उनको हटाओ नहीं भगाओ। यदि वो आपके दोस्त होते तो आपका व्यापार अभी तक नुक़सान में नहीं गया होता।इसलिए सर्वप्रथम इनसे मुक्त हो जायें ताकि आगे बढ़ने में कोई परेशानी न हो।

आपने सभी को दुकान से भगा दिया। अब आपको एक पेपर और पेन लेना है जो बातें यहाँ बताई गई है उसे नोट करना है।

ढाबा की साफ़-सफ़ाई-

यदि ढाबा का फ़र्श पर टाइल्स लगा है तो उसके लिए एक रोबोट खरदिये जिसकी क़ीमत मात्र ।।।। होती है। यदि सिर्फ़ मिट्टी है तो उसे प्रेस करवायें ताकि धूल न उड़े और ढाबा खूबसूरत बना रहे। 
ढाबा का दिन में दो बार सफ़ाई होनी चाहिए। बाथरूम के आस पास के सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति गाड़ी लेकर आपके ढाबा पर आ रहा है। वह खाना बाद में खाएगा पहले वाशरूम ढूँढेगा। इसलिए यदि आपके ग्राहक को एक साफ़ वाशरूम मिलता है तो वह पहले ही खुश हो जाता है। वाशरूम में पुरुष महिला के लिए अलग-अलग होने चाहिए। कोरोना के बाद से हैंड वाश की खपत बहुत बढ़ी है। इसलिए साबुन की जगह हैंड वाश रखना चाहिए। यदि संभव हो तो ऑटोमैटिक वाला और मैन्युअल दोनों रखना चाहिए। यदि ऐसा लग रहा है कि लोग इसे बर्बाद कर देते हैं। एक वहाँ लिख सकते हैं जल और हैंडवाश आपके लिये इसे बर्बाद न करें इसका उपयोग करें। वाशरूम की सफ़ाई के लिए हमेशा ध्यान देना चाहिए। लड़कियों के लिए सेनेटरी पेड की उपलब्धता होनी चाहिए। वॉशरूम का दरवाज़ा, उसकी खुंडी, वाशरूम का मग और बाल्टी, ये सभी प्रत्येक तीन महीन में नया रखिए। ऐसा न हो उसे छूने का बाद लोगों को खाने का नहीं स्नान करने का मन हो जाये। 

अच्छी क़िस्म का बर्तन

इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि दुकान कैसी है लेकिन कभी भी टूटी फूटी स्टील की बर्तन या प्लास्टिक की बर्तन में खाना नहीं देना चाहिए। इससे वह ग्राहक कभी दुबारा आपके पास नहीं आएगा। बर्तन धोने के लिए डिश वॉशर का उपयोग कीजिए और स्टाफ़ खर्च से मुक्त रहिए। बर्तन ले जाने के लिए फ़ूड ट्रॉली का उपयोग कीजिए। जो भी किचन में काम करें उसे वेल ड्रेस होकर कम करना चाहिए ताकि पालते कभी बाल न जाये।

अच्छी क़िस्म का बर्तन: जब आप डिश वॉशर उसे करेंगे तो आपको डिश वॉशर प्रूफ वाला बर्तन चाहिए जिससे साफ़ होने में कोई दिक़्क़त नहीं आएगी। 

रोबोट वैक्यूम क्लीनर और डिश वॉशर इन दो मशीन में आपको लगभग  80 हज़ार रुपया खर्च करना पड़ेगा। जिसे नगद नहीं लेना है। बल्कि EMI पर लेना है। जिसकी मासिक किस्ती 7000 रुपया होगी। एक वर्ष में आपका किस्त ख़त्म। देखा जाये तो आपने लगभग 150000 रुपया बचा लिया। यदि मशीन ख़राब भी हो जाता है तो भी आपका नुक़सान नहीं है। आप दूसरा मशीन ख़रीद सकते हैं या उसे ठीक करा सकते हैं। लेकिन ये सभी मशीन अच्छी क़िस्म का होता है। इसलिए इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। इस तरह का मशीन कम से कम पाँच वर्ष तक चलता है। ऐसे में यदि Dishwasher का दाम 56,000https://amzn.to/3TUl6kp है तो इसे 60 भाग दीजिए तो 933 रुपये में आप को स्टाफ मिल गया। 

राशन का समान  ख़ुद जाये ख़रीदने: ढाबा में जो भी आपका मेनू है उसके हिसाब से  समान ख़रीदने जाये। इससे आपको बहुत बचत होगा और आपका मार्केट में एक क्रेडिट बनेगा। ऐसे में यदि कभी कैश की समस्या भी होगी तो किराना दुकान वाले सब्ज़ी वाले, मुर्ग़ा चिकन, फिश वाले आपको न नहीं बोलेंगे। 

लोकल फ़ूड: यदि उस क्षेत्र का कोई फ़ूड फ़ेमस है तो आपके ढाबे पर उसकी उपलब्धता होनी चाहिए।साथ ही मसाला लोकल मार्केट से तैयार करवायें जिससे आपके ढाबे को एक अलग पहचान मिलें। पेक्ड तेल और घी का उपयोग करने से बचे। लोकल दुकान से तैयार करवायें ताकि एक स्वादिष्ट ख़ुशबू आये और ग्राहक आपके ढाबे का दीवाना हो जाये। यदि आप ऐसे करते हैं तो आपका दस प्रतिशत तक प्रॉफिट बढ़ सकता है। यह बहुत बड़ी राशि होती है। 

ढाबा पर आये ग्राहकों के लिए ख़ुद पकाए खाना

यह पढ़कर आपका भरोसा नहीं हो रहा होगा लेकिन मैं सत्य कह रहा हूँ। यदि आप एक दो वर्ष तक ऐसा करते हैं तो आपका व्यापार बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगा। आप कहेंगे कि मुझे तो खाना पकाना नहीं आता है तो फिर इसका उत्तर यह भी हो सकता है कि आपको तो कुछ भी नहीं आता है। इसलिए दुकान बंद कर दीजिए। नहीं चुनौती का सामना कीजिए अपने कम्फर्ट जॉन से बाहर निकालिए। तीन हेल्पिंग हैंड रखिए फिर काम कीजिए। एक वर्ष तक आपको एक दिन की भी छुट्टी नहीं लेनी है। इसलिए आपको बहुत मेहनत करना है। तभी आपका धंधा आगे जाएगा।

जैसे हैदराबादी बिरयानी, कोलकाता स्टाइल बिरयानी, लखनऊ बिरयानी, मुरादाबादी बिरयानी। ये सब वैसे आइटम होते है जिसे दिन में एक बार कुकिंग करना होता है। ग्राहक के बजट में आ जाता है इसलिए लोग इसे खाना पसंद करते हैं।

जैसे- जंबो पैक बिरयानी, कॉम्बो पैक बिरयानी, फ़ैमिली पैक बिरयानी आदि। तीन हेल्पिंग हैंड में एक को रोटी बनाना आना चाहिए। फिर धीरे-धीरे उसे तंदूरी रोटी, रुमाली रोटी बनाने के लिए बोलिये। वह आपसे कहेगा नहीं आता है तो उसे कहिए सीखने के लिए। नहीं तो आप सब मिलकर प्रयास कीजिए। फिर धीरे से अपना हाथ खींच कर अपने हेल्पिंग हैंड को आगे कीजिए। धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। यदि आपको कुछ नहीं आता है करना तो आगे ज़्यादा नुक़सान उससे बेहतर है अपना दुकान बंद कर दीजिए। आप ग़लत क्षेत्र में आ गये। याद रहे जो व्यक्ति कुकिंग दुनिया में है उसे निरंतर सीखते रहना चाहिए। अन्यथा आप फेल हो जाएँगे और आपका कंपीटार आप से आगे निकल जाएगा। डिजिटल मार्केटिंग, गूगल बिज़नेस, वहस्तसाप फ़ेसबुक, इस्तग्राम के माध्यम से अपने दुकान पर बने रेस्सिपी को साझा कीजिए। लोगों का फीड बैक लेने के लिए बिल के साथ एक फीडबैक फॉर्म दीजिए। उसमें अच्छे अच्छे प्रश्न शामिल कीजिए। उसे अपना बिज़नेस कार्ड दीजिए। आगे कभी भी कोई अवसर पर संपर्क करने के लिए प्रेरित कीजिए। वेटिंग टाइम में फ़ूड और हेल्थ  से संबंधित बुक पढ़ने दीजिए। 

ढाबा पर ग्राहकों के साथ सॉफ्ट स्किल्स का प्रयोग करें 

जैसे जाते वक्त बच्चे को एक चाकलेट दीजिए। उनको बैठने के लिए एक चाइल्ड चेयर ज़रूर दीजिए। केक कटिंग स्टैंड ज़रूर रखिए।

नए लोग क्लाउड किचन से काम शुरू करें

यदि आप इस क्षेत्र में नये हैं तो आपको पहले क्लाउड कीचेन से यह काम शुरू करना चाहिए ताकि आपको थोड़ा भी नुक़सान न हो। अगली बार किसी और लेख पर आप सभी से चर्चा होगी। 

यदि आप और ढाबा के बारे जानना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक कर सकते हैं-https://en.wikipedia.org/wiki/Dhaba

यदि आप और हमारे वेबसाइट के बारे में जानना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक कीजिए https://bhashatimes.com/

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