नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का हुआ उद्घाटन
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत को पुनः दुनिया के सबसे प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। भारत की संसद ने नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के माध्यम से नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की। संसद द्वारा इस अधिनियम लाने से पूर्व ही यह दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) जो कि फिलीपींस में वर्ष 2007 में हुआ था जहाँ विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए “बौद्धिक, दार्शनिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अध्ययन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान” की बात हुई थी जबकि चौथे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन जो वर्ष 2009 में थाईलैंड में आयोजित हुआ था वहां इस विश्वविद्यालय को खोलने का फैसला लिया गया।
नालंदा विश्वविद्यालय विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आता है, जबकि अन्य विश्वविद्यालय का सबंध शिक्षा मंत्रालय से है।
नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (Nalanda University Chancellor) अरविंद पनगढ़िया और अंतरिम कुलपति (Interim Vice-Chancellor) अभय कुमार सिंह भी उपस्थित थे। अभय कुमार सिंह से पहले यहाँ की कुलपति प्रो सुनैना सिंह थी।
अजित कुमार केके होंगे अगले प्रबंध निदेशक
धनलक्ष्मी बैंक (Private sector Dhanlaxmi Bank) द्वारा मंगलवार को कहा गया है कि उसने अजित कुमार केके को बैंक का प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त किया है।Private sector Dhanlaxmi Bank केरल में स्थित है। अजित कुमार के के 20 जून को बैंक का कार्यभार संभालेंगे।यह बता दे कि बोर्ड द्वारा आयोजित बैठक में 20 जून, 2024 से तीन साल की अवधि के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में अजित कुमार केके की नियुक्ति को मंजूरी दिया गया है।
ध्रुव स्पेस क्या है?
ध्रुव स्पेस (Dhruva Space’s maiden satellite mission ) का पहला उपग्रह मिशन जिसमें थाइबोल्ट-1 और थाइबोल्ट-2 उपग्रह शामिल हैं, संयुक्त रूप से 15,000 कक्षाओं के बाद कक्षा से बाहर हो गया है।
ध्रुव स्पेस मिशन को 26 नवंबर, 2022 को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप की 10वीं वर्षगांठ पर सुबह 11:56 बजे, इसरो पीएसएलवी-सी54 द्वारा लॉन्च किया गया था।
पी. थंकप्पन नायर का निधन
पी. थंकप्पन नायर जिन्हे कोलकाता का Kolkata’s ‘barefoot historian ‘कहा जाता जाता है. 18 जून को केरल में 91 साल की उम्र में पी. थंकप्पन नायर का निधन हो गया। इनके द्वारा रचित कुछ पुस्तकों के नाम इस प्रकार है History of Calcutta’s Street, Calcutta in the 17th Century, A History of the Calcutta Press, the Beginnings, आदि
एफसी बार्सिलोना का फ़ैसला
नमस्कार दोस्तों विश्व प्रसिद्ध फुटबॉल क्लब एफसी बार्सिलोना ने भारत में अपनी सभी खेल संस्थान को बंद करने का फैसला किया है।
फुटबॉल क्लब एफसी बार्सिलोना बंद करेगा भारत में सभी अकादमिक क्लब
फुटबॉल क्लब एफसी बार्सिलोना का उद्देश्य देश के बच्चों को अपनी प्रसिद्ध ‘La Masia (youth academy) में प्रशिक्षित करना था।
अभी तक एफसी बार्सिलोना ने बंद करने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है। भारत में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे जैसे शहरों में स्थित सभी अकादमिक संस्थाओं को 1 जुलाई से बंद कर दिया जायेगा।
Stockholm International Peace Research Institute (SIPRI) के रिपोर्ट्स ने दुनिया का नींद उड़ाया
परमाणु हथियार से सम्बंधित एक बड़ी खबर निकल आयी है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट The Stockholm International Peace Research Institute (SIPRI) के अनुसार चीन अपने परमाणु हथियारों के निर्माण में तेज़ी ला रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन के पास 500 हथियार हैं, जबकि भारत के 172 हथियार हैं वहीँ और पाकिस्तान के पास 170 से कहीं ज़्यादा हैं।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट्स में यह पाया गया है कि हथियारों की यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर इसके तेज विस्तार को दर्शाती है।
यदि परमाणु भंडार पर बात की जाए तो यह कुछ इस प्रकार है. जहाँ रूस के पास 4,380 हथियार हैं , वही अमेरिका के पास 3,708 हैं, तो फ्रांस के पास भी 290 हथियार हैं। इन सब में ब्रिटेन भी पीछे नहीं है उसके पास भी 225 हथियार हैं, तो इज़राइल के 90 और उत्तर कोरिया के पास 50 है। इनमें से अनुमानित 3,904 हथियार मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात हैं, जबकि बाकी को भंडारण में रखा गया है। ताकि किसी भी गंभीर परिस्थति से निपटा जा सके।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, चीन का परमाणु शस्त्रागार जनवरी 2023 में 410 से बढ़कर जनवरी 2024 तक 500 हो जाएगा।
उपरोक्त सभी The Stockholm International Peace Research Institute (SIPRI) Year Book 2024 में प्रकाशित हुआ है।
उत्तर कोरिया और रुस के बीच हुआ सैन्य समझौता
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार रूस और उत्तर कोरिया के बीच नए समझौता हुआ है. इसके तहत युद्ध की स्थिति में दोनों देशों को एक-दूसरे को तत्काल सैन्य सहायता प्रदान करेंगे। इस बात का उल्लेख समझौते के अनुच्छेद 4 में किया गया है।
इस समझौता को शीत युद्ध की समाप्ति के बाद मास्को और प्योंगयांग के बीच सबसे मजबूत समझौता माना जा रहा है.
उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों ने सुरक्षा, व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों को कवर करते हुए अपने संबंधों का एक बड़ा कदम बताया है।
इस शिखर सम्मलेन से अमरीका और पश्चिमी देशों की नींद उड़ सकती है. साथ ही शिखर सम्मेलन तब हुआ है जब अमेरिका और उसके सहयोगियों ने संभावित हथियार समझौते पर बढ़ती चिंता व्यक्त की।
बता दे जैसे नाटो सदस्य देश की बीच बॉन्डिंग है कि किसी पर हमला मतलब सभी पर हमला उसी तरह का समझौता उत्तर कोरिया और पूर्व सोवियत संघ ने 1961 में एक संधि पर हस्ताक्षर करके किया था। लेकिन यह सोवियत संघ के पतन के बाद समाप्त हो गया था। जिसे रुस ने पुनः जिन्दा कर दिया गया है।
यह समझौता उनके संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है, जिसमें सुरक्षा, व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक और मानवीय संबंध शामिल हैं। किम जोंग उन और व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच संभावित हथियार व्यवस्था के बारे में भी चिंता जताई, जिसमें उत्तर कोरिया यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थन कर रहा है। कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव उच्च बना हुआ है, जिसमें अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच चल रहे हथियार परीक्षण और सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव पिछले कई वर्षों में अपने उच्चतम बिंदु पर रहा है, जिसमें उत्तर कोरिया के हथियार परीक्षण और अमेरिका का दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करना। इस तरह की स्थिति ने तनाव को और बढ़ाया है।
स्रोत https://economictimes.indiatimes.com/
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