क्या ऋषि ओबरॉय डॉ को रुपया देकर लक्ष्मी को एसाइलम छुड़ाने में सफल हो पाएगा ? देखिए पूरा एपिसोड भाग्य लक्ष्मी एपिसोड 805।

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भाग्य लक्ष्मी एपिसोड 805-

आख़िर कब तक लक्ष्मी को रहना पड़ेगा एसाइलम में? क्या होने वाला है भाग्य लक्ष्मी एपिसोड 805 में। जिसे लेकर दर्शकों में काफ़ी चिंता है। ऐसे ही बातों को जाने के लिए पढ़िए यह पूरा आर्टिकल और देखिए भाग्य लक्ष्मी एपिसोड 805।

BhagyaLakshmi ज़ी ५

सीरियल की शुरुवात माँ  और उसके बेटे ऋषि ओबरॉय से होती है। जहां माँ  एक तरह से बेटे को इमोशनल ब्लैक मेल करने का प्रयास करती है-

ऋषि ओबरॉय को उसकी माँ कहती है कि इसका ट्रीटमेंट हो जाएगा तो तुम ले आना उसे घर वापस। हम उसका इस तरह से स्वागत करेंगे जैसे कि एक बहू का होना चाहिए। पर उसे ठीक तो होने दो। उसका इलाज तो होने दो। और तब तक के लिए प्लीज नॉर्मल लाइफ जीने की कोशिश करो। घर पर ध्यान दो। बिजनेस पर ध्यान दो। अपने का पापा का कैसे हाथ बटाते थे। बिजनेस में वैसे ही हाथ बटाओं। आयुष की मदद करो। आयुष अभी नया है। सीख रहा है। उसे मदद की जरूरत है। एक नन्हे को समुद्र में छोड़ दोगे तो उसका क्या हाल होगा।वही हाल हो रहा है आयुष का। तुम बिननेस पर ध्यान दो। शहर में न जाने कैसी-कैसी बातें कर रहे हैं। तुम्हारे बारे में। सभी का टॉपिक बन गए हो। हमें नहीं अच्छा लगता है। हम नहीं सुन सकते हैं। तुम्हारे खिलाफ,तुम्हारे बारे में ।प्लीज अपने बिजनेस पर ध्यान दो। घर पर ध्यान दो।तुम्हें हमारे लिए भी तो रिस्पांसिबल होना है। हम मानते हैं कि तुम लक्ष्मी से बहुत प्यार करते हो। पर तुम्हारी मां के लिए तुम्हारा प्यार कहां गया।हमें दुश्मन क्यों मान रहे हो तुम।इस पर ऋषि कहता है आप गलत कह रही हैं।आपको कभी दुश्मन माना नहीं,प्यार करता आया हूं और हमेशा करता रहूंगा। आपसे प्यार करता हूं अपने परिवार से प्यार करता हूं। इसलिए आप लोगों के लिए कुछ भी कर सकता हूं।पर लक्ष्मी मेरी सांसों में बसती है। हर एक सांस में लक्ष्मी बसती है। जैसा कि मैंने कहा आपके लिए परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं। लेकिन सांस ही नहीं रहेगी तो मैं तो जीते जी मर जाऊंगा।
इस पर ऋषि की मां कहती है ‘इनफ ऋषि इनफ’। हमारे सब्र का इम्तिहान मत लो। हमें कुछ ऐसा करने पर मजबूर न करो जो तुम्हें बिल्कुल पसंद ना हो। लक्ष्मी का पति होने की जिम्मेदारी निभाई है न तुम्हें। निभाओ लेकिन तुम इस घर के बेटे हो। इस घर के लिए भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यह बात बोलकर ऋषि की मां चली जाती है।
दूसरी तरफ़ शालू भी अपनी बहन और जीजा के लिए चिंतित है। जीजू के ऊपर दो तरह का टेंशन है। पहले तो यह है कि घर को कैसे संभाला जाए और दूसरा कि दीदी को एसाइलम से कैसे बाहर निकल जाए। उधर शालू भी डॉ को घूस देकर अपनी बहन को छुड़ाने के प्रयास अपने ही घर में रुपया ढूँढ रही है।

एसाइलम में  लक्ष्मी के साथ ट्रॉचर हो रहा है-

क्या ऋषि लक्ष्मी को एसाइलम से छुड़ाने में सफल हो पाएगा। यदि ऋषि  आयुष की मदद ले तो वह लक्ष्मी को एसाइलम  से छुड़ा पाएगा। जबकि आयुष ऋषि को मदद करने के लिए फ़ोन भी किया था। क्यों ऋषि अकेले ही डॉक्टर से मिलने निकल गया है। और डॉ से मिलने पर क्या होता है। क्या ऋषि लक्ष्मी के लिए डॉ को रुपये के दम  पर ख़रीद पाएगा।

ऋषि एसाइलम के डॉ को मिलने के लिये एक जगह बुलाता है। डॉ को धमकी देता है। डॉ ने भी रुपया की माँग रख दिया है। ऋषि ने डॉ को चेक दे दिया है। लेकिन डॉ ने चेक को बाद फाड़ दिया। अब सवाल उठता है कि डॉ को जितना रक़म मिल रहा था उसमें तो वह बहुत कुछ कर सकता था लेकिन उसने ऐसा किया क्यों नहीं। इसी के लिए अगले आर्टिकल को आने पर ज़रूर पढ़िए तब तक इंतज़ार कीजिए।

दूसरी तरफ़ मालिष्का ऋषि की माँ को समझाने का प्रयास कर रही है कि वह ऋषि को फिर से पहले जैसा कर देगी। लक्ष्मी से ऋषि को छुटकारा दिला कर रहेगी। इस पर ऋषि का माँ बहुत खुश होती है। उसे एक उम्मीद की किरण दिखती है।
क्या मालिष्का ऋषि को लक्ष्मी से दूर कर पाएगी। कमेंट में ज़रूर बतायें।
गुलशन कुमार भाषा टाइम्स के लिए

https://www.youtube.com/watch?v=qgbBRh-0UiY

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