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कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को कितने मतों से हराया ?

कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को एक लाख 66 हज़ार से ज़्यादा मतों से हराया है। 

अमेठी के कितने विधानसभा सीटों पर स्मृति इरानी को हार का सामना करना पड़ा?  

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को अमेठी की सभी पांच विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। 

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गांधी परिवार ने किशोरी लाल शर्मा को जिताने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी। वही बीजेपी के विधायक ने भी स्मृति इरानी को जिताने के लिए लोई कसर नहीं छोड़ा। लेकिन जानता के आगे किसकी चलती है।

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हॉट सीट होने के कारण अमेठी की चर्चा पूरे भारत में हो रही थी।

किशोरी लाल शर्मा भी कोई मामूली आदमी नहीं है। वह रायबरेली में सोनिया गांधी और अमेठी में राहुल गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुके है। स्मृति के हार के पीछे भी उनके सांसद प्रतिनिधि का व्यवहार और फ़ील्ड में न रहना बताया जाता

सांसद से कम महत्व सांसद प्रतिनिधि का नहीं होता होता है। एक तरह से सांसद प्रतिनिधि को भी क्षेत्र का सब कुछ हो जाता है।

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इसमें यदि कांग्रेस पार्टी उन्हें अमेठी से चुनाव मैदान में उतारा तो जितने की संभावना अन्य की तुलना में अधिक होती है। क्योंकि कार्य के दौरान कई बार लोग कह बैठते हैं भैया सांसद तो आप को ही होना चाहिए। सांसद प्रतिनिधि का लोक व्यवहार बहुत काम में आता है।

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अमेठी की जनता में न सिर्फ़ मोदी सरकार में मंत्री स्मृति इरानी  को लेकर बल्कि उनके स्थानीय प्रतिनिधि को लेकर ख़ासी नाराज़गी थी।  महंगाई, बेरोज़गारी आदि का मुद्दा तो था ही। 

राहुल की बार-बार शिकायत ने भी अमेठी की जानता को पुनः अपने नेता से जोड़ दिया।

अखिलेश यादव और राहुल गांधी का अमेठी में संयुक्त रैली ने भी किशोरी लाल शर्मा को जीत दिलाने में बहुत मदद की।