नक्सलवाद का SMADHAN क्या है?

Bhasha Times 

इंडिया में नक्सली हिंसा का दौर वर्ष 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी गाँव से शुरू होती है। 

नक्सलबाड़ी गांव के नाम पर उग्रपंथी आंदोलन को नक्सलवाद के नाम से जाना जाता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ नेताओं का समर्थन इन छोटे किसानों को मिला।  चारू मजूमदार, कानू सान्याल और कन्हाई चटर्जी का नाम इस आंदोलन से जुड़ता है।

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भारत में वामपंथी आंदोलन का इतिहास रहा है। लेकिन पहले जहां वामपंथी आंदोलन पूर्व सोवियत संघ से प्रभावित था वहीँ आज का माओवाद चीन से प्रभावित है। ये अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार की हिंसा को उचित मानते हैं।

शहरी नक्सलवाद?

एक तरफ़ जहां ज़मीन पर बंदूक़ की मदद ली जाती हैवहीं दूसरी तरफ़ अकादमिक क्षेत्र में रचनाओं के माध्यम से इस विचारधारा का समर्थन किया जाता है। जैसे शोध प्रपत्र, उपन्यास, कहानी, कविता आदि। कुछ वर्षों में शहरी नक्सलवाद या अर्बन नक्सलिज़्म शब्द बड़ी तेजी से सामने उभरकर आया है। शहरी नक्सलवादी का निवास स्थान जंगलों में न होकर शहरों में है। ये वो लोग है जिनकी आर्थिक स्थिति मज़बूत है और इनका स्मार्थन नक्सलवादी संगठनों और उनकी गतिविधियों को सहानुभूति के रूप में होता है ।

सरकार ने नक्सलवाद  को जड़ से समाप्त करने के लिए समाधान पहल की शुरुवात की है

सरकार ने नक्सलवाद  को जड़ से समाप्त करने के लिए समाधान पहल की शुरुवात की है

S-Smart leadership (कुशल नेतृत्व)

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A-Aggressive strategy (आक्रामक रणनीति)

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M-Motivation and training (अभिप्रेरणा एवं प्रशिक्षण)

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A-Actionable intelligence (अभियोज्य गुप्तचर व्यवस्था)

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D-Dashbord based key performance indicators and key result area (कार्ययोजना आधारित प्रदर्शन सूचकांक एवं परिणामोन्मुखी क्षेत्र)

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H-Harnessing technology (कारगर प्रौद्यौगिकी)

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A-Action plan for each threat (प्रत्येक रणनीति की कार्ययोजना)

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 N-No access to financing (नक्सलियों के वित्त-पोषण को विफल करने की रणनीति)

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