क्यों हिन्दी भाषा को लेकर देखा गया लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और हरदीप सिंह पुरी में मिर्ची लगने वाली बहस-
हिन्दी भाषा पर राजनीति आये दिन सुर्ख़ियों में रहता है। कभी पार्लियामेंट के भीतर तो कभी पार्लियामेंट के बाहर। इस बार हिन्दी भाषा को लेकर तीखी बहस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच में देखी गई।
यह सत्य है जब केंद्रीय मंत्री ही हिन्दी भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे तो विपक्ष या ग़ैर हिन्दी राज्यों से यह अपेक्षा करना कि वह हिन्दी का प्रयोग करेंगे यह बेमानी होगी। इसलिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस मामले में सख़्त दिखे।
कौन हैं हरदीप सिंह पूरी?
हरदीप सिंह पूरी (जन्म 15 फरवरी 1952) 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) अधिकारी हैं। जिन्होंने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। हरदीप सिंह पुरी वर्तमान में भारत सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास और शहरी मामलों के मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें एक सफल भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ कह सकते हैं। लेकिन वे संसद के ऊपरी सदन अर्थात् राज्यसभा के सदस्य हैं।
Hindi vs English का मैच –
बात तब की है जब मंत्री हरदीप सिंह पुरी आयुष्मान भारत कार्ड के अभाव में दिल्ली और पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूरों को होने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते समय भाषा के इस्तेमाल को लेकर अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई।
प्रश्नकाल के दौरान दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आयुष्मान भारत कार्ड के अभाव में दिल्ली और पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूरों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में सवाल पूछा था.
जैसे ही केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री जी ने अंग्रेजी में जवाब देना शुरू किया, श्री बिरला ने मंत्री जी से अनुरोध किया कि यदि संभव हो तो हिंदी में बोलिए। इस पर मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा
“श्री अध्यक्ष महोदय, मैं हिन्दी में उत्तर दूंगा। यदि आप चाहें तो मैं पंजाबी में उत्तर दे सकता हूं, मनोज जी पंजाबी समझते हैं। इसके बाद हरदीप सिंह पुरी ने पंजाबी में बोलना शुरू किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हस्तक्षेप करते हुए कहा “आप कई भाषाएँ जानते हैं। आप अंग्रेजी में भी जवाब दे सकते हैं। यह कोई समस्या नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर आप पंजाबी में जवाब देना चाहते हैं तो आपको मुझे लिखित में देना होगा।”
इसके बाद मंत्री ने आगे कहा कि भले ही आयुष्मान भारत कार्ड उनके मंत्रालय के दायरे में नहीं आता है। यह स्वास्थ्य मंत्रालय का विषय है फिर भी वह समाधान निकालने के लिए मनोज तिवारी और पार्टी नेता निशिकांत दुबे के साथ बैठ सकते हैं।
श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा “यह मेरा विषय नहीं है लेकिन हम इसे लागू करना चाहते हैं। हम चाय पर बैठ कर चर्चा कर सकते हैं। आप निर्देश दीजिए. आप इसे लागू करने के लिए आम आदमी पार्टी या तृणमूल कांग्रेस को निर्देश दे सकते हैं”
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने श्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब देते हुए कहा, “आप एक मंत्री हैं। हम यहां [अध्यक्ष] से किसी भी पार्टी को निर्देशित नहीं कर सकते। हम केंद्रीय मंत्रियों को बता सकते हैं”।
संघ की राजभाषा हिन्दी
हिन्दी संघ की राजभाषा है। इसलिए मंत्री और संसद से अपेक्षा की जाती है कि वे ज़्यादा से ज़्यादा हिन्दी भाषा का प्रयोग करें।भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में हिंदी सहित 22 आधिकारिक भाषाओं को शामिल किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 351 में स्पष्ट रूप दसे हिन्दी भाषा को विकसित करने के लिये इसके प्रसार का प्रावधान करने को कहा गया है। जिससे यह भारत की मिश्रित संस्कृति में सभी के लिये अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्य कर सके।
यह लेखक का निजी विचार है।
डॉ कुमार माधव
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