Story : Kumar Madhav
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Ambassador India में बनी पहली कार थी।
Hndustan Motors पर ताला लग चुका है पर पीली सवारी अभी लोगों को लुभाती है।
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1908 में kolkata का टैक्सी भाड़ा आठ आना प्रति माइल था
कोलकाता को रवीन्द्रनाथ ठाकुर, रसगुल्ला, फुटबॉल और यहाँ की इमारत के अतिरिक्त भी एक पहचान मिली है वो है यहाँ की पीली टैक्सी। एम्बेसडर कार ब्रिटिश मूल की है लेकिन इसे भारतीय कार माना जाता था और प्यार से King of Indian Roads कहा जाता था। जब ओला उबर का आगमन नहीं था तो यह यात्रियों की पहली पसंद थी। कोलकाता में टैक्सी की शुरुआत 1907 में हुई । किराया आठ आना प्रति मील था। टैक्सी की सवारी केवल दो यात्री ही कर सकते थे।
कोलकाता की पहचान ब्रिटिश काल के दौरान ही जाने लगी थी। लेकिन 1956 में हिंदुस्तान मोटर्स द्वारा बनाये गए एंबेसेडर कार में चार यात्रियों की सवारी सामान के साथ हो सकती थी।
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पहले Black Taxi City में चलती थीं, वहीं Yellow Taxi Inter City में उपयोग होती थीं। लेकिन धीरे धीरे परिस्थति बदल गई जहां Black Taxi विलुप्त प्राणी हो गई वहीं Yellow Taxi विलुप्ति के कगार पर पहुँच गई है।
ऐसा न हो कि कुछ साल बाद कोलकतावासी को Yello taxi देखने के लिए म्यूजियम जाना पड़े।
यदि आप कोलकाता आये हैं तो आप को इस Yello Taxi की सवारी करने के लिए यात्री साथी ऐप को डाउनलोड करना पड़ेगा।
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स्थानीय लोगों के पास अब विकल्प अधिक है इसलिए उनका रुझान भी इस विरासत की तरफ़ से घटता जा रहा है।
Kolkata आये नये नये Vlogger ने भी Yellow Taxi का प्रचार खूब किया है जिससे पर्यटकों में फ़ोटो खिंचवाने के कारण इसकी सवारी की माँग बढ़ी है। लेकिन इस पर अभी बहुत काम करना बाक़ी है।
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उपरोक्त वाक्य को हर गाड़ी पर लिखा गया है ताकि दुर्घटना में कमी आए।
Yellow Taxi और रिक्शा दोनों का सफ़र ज़रूर कीजिए यदि Kolkata पधारिए।
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